प्रियजनों,
PMFBY खरीफ 19 के लिए गैर ऋणदाता किसान 2019 का नामांकन डिजिटल सेवा पोर्टल पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर शुरू किया गया है।
- VLE को रु। 24 / - गैर-ऋणी किसान के नामांकन के लिए तत्काल कमीशन।
- इस सीजन के नामांकन के लिए कटऑफ की तारीख 29 जुलाई 2019 है।
- पिछले सीज़न में हमें इंश्योरेंस कंपनियों से गलत डॉक्स अपलोड करने, बैंक स्टेटमेंट्स और लो क्वालिटी स्केनिंग, यहां तक कि गलत / अन्य किसानों के डॉक्स द्वारा पोर्टल में कुछ वीएलई द्वारा अपलोड किए जाने के बारे में कई शिकायतें मिली हैं।
- ये प्रस्ताव बीमा कंपनियों द्वारा अस्वीकृति के अधीन होंगे
- इस सीज़न में नीचे दिए गए बिंदुओं पर विचार करने के साथ गैर ऋणी किसानों को ध्यान से दाखिला दे
⇨ किसान नाम भूमि रिकॉर्ड के साथ मेल खाना चाहिए, यदि कोई भूमि किसान से संबंधित है तो पिता या ग्रैंड
फादर का नाम है, तो आधार संख्या दर्ज करें।
⇨ किसान के पिता या ग्रैंड फादर। आवेदन का नाम भूमि रिकॉर्ड पर नाम के उल्लेख के साथ मेल खाना
चाहिए।
⇨ स्कैन किए गए दस्तावेज़ CLEAR होने चाहिए।
⇨ स्कैन किए गए दस्तावेज READABLE होने चाहिए।
⇨ प्रत्येक किसान को उनकी कई फसलों के लिए केवल एक ही लेन-देन का उपयोग करें, फसलें जोड़ें विकल्प
⇨ प्रत्येक किसान को उनकी कई फसलों के लिए केवल एक ही लेन-देन का उपयोग करें, फसलें जोड़ें विकल्प
का उपयोग करें।
क्या न करें
⇨किसान से कोई अतिरिक्त राशि नही ले सकते हैं, केवल अभिस्वीकृति रसीद पर उल्लेखित प्रीमियम को
छोड़कर। ओवरचार्जिंग के मामले में राज्य सरकार द्वारा एफ.आई.आर. हो सकता है
⇨निम्न गुणवत्ता स्कैन डॉक्स बीमा कंपनियों द्वारा अस्वीकृति के अधीन हो सकते हैं और वीएलई को इन
अस्वीकरणों के लिए उत्तरदायी ठहराया जाना चाहिए।
⇨एकल किसान की विभिन्न फसलों की ताज़ा प्रविष्टि बनाते हैं। एकल एप्लिकेशन में ऐड क्रॉप्स विकल्प का
उपयोग करें।
https://csc.gov.in
इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
PMFBY में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है.
इससे PMFBY तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है.
PMFBY योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें हालांकि किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी या AIC) इस योजना को चलाती है.
https://csc.gov.in
फसल बीमा क्या हैै
हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है. उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) शुरू की है. इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था.इसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
PMFBY में प्राकृतिक आपदाओं के कारण खराब हुई फसल के मामले में बीमा प्रीमियम को बहुत कम रखा गया है.
इससे PMFBY तक हर किसान की पहुंच बनाने में मदद मिली है.
PMFBY योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें हालांकि किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी या AIC) इस योजना को चलाती है.
योजना के उद्देश्य प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता देना. किसानों की खेती में रुचि बनाये रखने के प्रयास एवं उन्हें स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना. किसानों को कृषि में इन्नोवेशन एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना. कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना.
PMFBY के लिए किन दस्तावेजों की है जरूरत?
⇉किसान की एक फोटो किसान का आईडी कार्ड (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड)
⇉किसान का एड्रेस प्रूफ (ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड) अगर खेत आपका अपना है तो इसका खसरा नंबर / खाता
नंबर का पेपर साथ में रखें.
⇉खेत में फसल की बुवाई हुई है, इसका सबूत पेश करना होगा. इसके सबूत के तौर पर किसान पटवारी, सरपंच, प्रधान जैसे लोगों से एक पत्र ⇉लिखवा ले सकते हैं.
⇉अगर खेत बटाई या किराए पर लेकर फसल की बुवाई की गयी है, तो खेत के मालिक के साथ करार की कॉपी की फोटोकॉपी जरूर ले जायें. इसमें
खेत का खाता/ खसरा नंबर साफ तौर पर लिखा होना चाहिए. फसल को नुकसान होने की स्थिति में पैसा सीधे आपके बैंक खाते में पाने के लिए
एक रद्द चेक लगाना जरूरी है.
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